‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओर कदम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में उद्योग और प्रौद्योगिकी का यह अध्याय भविष्य की दिशा तय करेगा। उन्होंने बताया कि सुज़ुकी का यह संयंत्र केवल उत्पादन का केंद्र नहीं है, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक पहचान का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “आज से भारत सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बनाएगा।”
स्थानीय उत्पादन से आत्मनिर्भरता की ओर
उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि इस संयंत्र में स्थानीय स्तर पर हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड्स का उत्पादन शुरू किया जा रहा है। इससे बैटरी निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सपने को मजबूती मिलेगी। उन्होंने इसे स्वदेशी तकनीक और वैश्विक गुणवत्ता का संगम बताया।
भारत-जापान मित्रता को नई दिशा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विशेष रूप से भारत और जापान के बीच मित्रता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि सुज़ुकी जापान में भी भारत निर्मित वाहनों का निर्यात कर रही है, जो ‘मेक इन इंडिया’ की वैश्विक सफलता का प्रमाण है।
2012 की पहल का मिला फल
मोदी ने याद किया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब 2012 में सुज़ुकी को हंसलपुर में जमीन आवंटित की गई थी। उन्होंने कहा कि आज उसी दूरदृष्टि का परिणाम है कि भारत वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में अहम स्थान बना रहा है। यह संयंत्र केवल एक औद्योगिक परियोजना नहीं बल्कि एक दशक पुराने विज़न का प्रतिफल है।
लोकतंत्र और जनशक्ति की ताकत
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, विशाल युवा जनसंख्या और कुशल जनशक्ति को देश की सबसे बड़ी पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि यह तीनों पहलू भारत को निवेश और नवाचार का हब बनाते हैं। प्रधानमंत्री ने इसे ‘विन-विन’ स्थिति बताया, जो न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी लाभकारी है।
संक्षेप में मुख्य बिंदु
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नई शुरुआत : मेक इन इंडिया की यात्रा में नया अध्याय, भारत से वैश्विक EV निर्यात की शुरुआत।
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EV निर्यात : भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन 100 से अधिक देशों को भेजे जाएंगे।
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स्थानीय उत्पादन : हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड्स का उत्पादन आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देगा।
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भारत-जापान मित्रता : औद्योगिक सहयोग से संबंध और मजबूत हुए।
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2012 की पहल : एक दशक पुरानी योजना आज परिणाम दे रही है।
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जनशक्ति और लोकतंत्र : भारत की ताकत को निवेशक विश्वसनीय मान रहे हैं।
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वैश्विक विश्वास : सुज़ुकी का भारत में निर्माण और निर्यात भरोसे की मिसाल बना।
इस तरह गुजरात के हंसलपुर संयंत्र का उद्घाटन न केवल औद्योगिक प्रगति का संकेत है, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं और क्षमता का भी परिचायक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे नए भारत के सपनों और वैश्विक जिम्मेदारियों को जोड़ने वाला ऐतिहासिक कदम बताया।

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