भारतीय सिनेमा का "थलाइवर" — रजनीकांत — जब बड़े पर्दे पर लौटते हैं, तब हर पहलू पर नजरें टिक जाती हैं। उनकी नवीनतम फिल्म 'कुली' (Coolie), जिसका निर्देशन लोकश कनागराज ने किया है, ने रिलीज़ होते ही दर्शकों और समीक्षकों का ध्यान अपने आकर्षक मंसूबों और विवादित अनुभवों की ओर खींचा है। इस लेख में हम इस परियोजना की सफलता और आलोचना दोनों पक्षों का व्यावस्थित विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं — दो हजार शब्द से अधिक, जर्नलिस्टिक बातचीत की शैली में, शुद्ध, अनूठे, और नेत्रित सार के साथ।
निर्देशक: लोकश कनागरज (Lokesh Kanagaraj), जिन्होंने Kaithi, Vikram, Leo जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से नाम कमाया।
अभिनेता मंडली: रजनीकांत, नागार्जुन (विलेन), श्रुति हासन, उपेंद्र, सौबिन शाहर, सत्यराज और विशेष भूमिका में आमिर खान (दाहा) शामिल हैं।
संगीत: अनिरुद्ध रविचंदर द्वारा रचित — रोमांचक पृष्ठभूमि एवं गानों जैसे 'Chikitu', 'Monica' और 'Powerhouse' ने पहले ही चर्चा बटोरी।
बजट: ₹350–400 करोड़ के बीच अनुमानित महंगा निर्माण।
रिलीज़: यह फिल्म 14 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस सप्ताहांत में दुनिया भर में रिलीज़ हुई।
ऑडियो लॉन्च (2 अगस्त 2025): चेन्नई स्थित नेहरू स्टेडियम में आयोजित भव्य कार्यक्रम में रजनीकांत की 50 वर्षों की सिनेमाई यात्रा को सम्मानित किया गया। संगीतकार अनिरुद्ध ने इसे 'सुपरहिट' बताया। नागार्जुन ने Baasha से भी प्रेरणादायक बताया तथा आमिर खान ने अपनी भूमिका बिना स्क्रिप्ट पढ़े मंजूर करने की बात कही।प्रारंभिक समीक्षा (6 अगस्त): Times of India की रिपोर्ट में कहा गया कि 'कुली' रजनीकांत की Kabali के बाद की सबसे प्रभावशाली फिल्म हो सकती है; श्रुति हासन को 'मुख्य आकर्षण' और नागार्जुन–आमिर खान की भूमिकाएं भी प्रशंसा का पात्र रहीं।
प्रारंभिक टिकट बुकिंग: ₹51 करोड़ के पार गई—जिसमें से ₹37 करोड़ विदेशी बाजार से थे। कर्मचारियों को छुट्टी की घोषणा और उत्सवपूर्ण माहौल ने इस फिल्म को बड़े पैमाने पर प्रमोट किया।
‘कुली’ — रजनीकांत की पचासवीं फिल्मी वर्षगांठ पर रिलीज़ हुआ यह प्रोजेक्ट, बड़े बजट, शानदार स्टारकास्ट और थियेट्रिकल हाइप का मिश्रण है। इसे कई लोग एक “masala entertainer” और “एक पावर-पैक परformance” के रूप में देख रहे हैं, वहीं कुछ ने कहानी और पटकथा को कमजोर और पुरानी तकनीक बता कर आलोचना की है।
एक तरफ़ जहाँ फिल्म की तकनीकी एफर्ट, संगीत, और लोकप्रियता काबिल-ए-तारीफ़ है, वहीं दूसरी ओर पटकथा में नवीनता की कमी, दूसरी पारी की गति को धीमा होना, और कुछ दर्शकों द्वारा इसे “letdown” कहना भी एक तथ्य है।
'कुली' एक विवादास्पद लेकिन शक्तिशाली फिल्म है — जहां रजनीकांत और लोकश कनागराज की अपार फैनबेस इसे उत्साह के साथ देख रही है, वहीं समीक्षकों और कुछ दर्शकों की मिश्रित प्रतिक्रिया इसे महज़ एक बड़ी फिल्म नहीं, अपितु एक बहस का विषय भी बना रही है।
सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ
उदयनिधि स्टालिन (TN उपमुख्यमंत्री) ने एक प्राइवेट स्क्रीनिंग के बाद फिल्म को "मजा आ गया" और एक "मास एंटरटेनर" बताया।
Twitter/X प्रतिक्रियाएँ:
कई फैंस ने फिल्म को "mass tsunami moments" बताया, रजनीकांत की एंट्री और धाकड़ संवादों की सराहना की।
एक ने लिखा: “Lokesh Kanagaraj and team delivered a blockbuster.”
“Finest de-aging ever done in Indian cinema।”
सौबिन और उपेंद्र के प्रदर्शन की भी काफ़ी तारीफ हुई।
YouTube व सड़क opinons: शुरुआती दर्शकों का उत्साह चरम पर—पहले भाग को “superb” और लोकी की पटकथा को “जादू” बताया गया।
मिश्रित और नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ
Deccan Herald (ओवरसीज़ प्रतिक्रिया): यह लेख कहता है कि फिल्म को "a letdown" करार दिया गया, विशेषकर monotonous storytelling को दोषी बताया गया—हालाँकि फिल्म का अन्तिम 20 मिनट, खासकर क्लाइमैक्स, खूब तारीफ बटोरता है।
Times of India लाइव ब्लॉग:
रजनीकांत की पावरफुल एक्टिंग, इंटरवल ब्लॉक और संगीत की जमकर सराहना हुई।
दूसरी ओर, कई ने लेखन में कमजोरी और कहानी की असंगतियों की ओर इशारा किया।
OneIndia (AI-समीक्षा आधारित):
फ़िल्म को "देखने लायक़ लेकिन सुरक्षित" और "रिवेंज ड्रामा जिसमें स्टार पावर है, पर कथा दोहराई हुई" बताया गया।
Reddit प्रतिक्रिया:
एक उपयोगकर्ता ने चेतावनी दी कि "अगर Coolie सिर्फ एक साधारण कहानी है, पर शानदार तरीके से सुनाई जाए — तो दर्शकों को पसंद आएगा। लोकी का स्क्रिप्ट पर ध्यान नहीं रहा, तो वह गिर सकते हैं।"
MoneyControl और अन्य:
"पटकथा थोड़ी कमजोर" लेकिन "क्रिसमस जैसा उत्सव" व "cameo end credit ज़बरदस्त" जैसे सकारात्मक उल्लेख भी मिले।
कुल मिलाकर—फिल्म का भावात्मक एवं तकनीकी विश्लेषण
पॉजिटिव पहलें
स्टार पावर: रजनीकांत का स्क्रीन करिश्मा अपनी जगह लगातार असरदार रहा।
गीत-संगीत: 'Monica' गाना, उसके हुक स्टेप्स औरviral होना, संगीतकार अनिरुद्ध की जानदार पृष्ठभूमि बेहद सराहनीय रहे।
तकनीकी काम: डी-एजिंग तकनीक को फैंस ने भारतीय सिनेमा का श्रेष्ठ बताया।
प्रमोशन और मार्केटिंग: स्टार-पावर्ड लॉन्च और 50 वर्षों के सम्मान समारोह ने दर्शकों का उत्साह आसमान छू लिया।
नकारात्मक पहलें
कथा में कमजोरी: कई समीक्षकों ने कहानी को एकरस और पूर्वानुमेय बताया।
दूसरा भाग कमजोर: पहले भाग की तुलना में दूसरा पार्ट धीमा और पटरी से उतरा महसूस हुआ।
उत्साही उम्मीदों का दबाव: इतने बड़े हाइप को पूरा नहीं कर पाना कुछ दर्शकों में निराशा पैदा कर सकता है।
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