जोधपुर। स्वयंभू धार्मिक नेता आसाराम को एक बार फिर जेल की सलाखों के पीछे लौटना होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को उनकी अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया है।
जनवरी 2025 के तीसरे सप्ताह से लगातार जेल से बाहर रह रहे आसाराम ने अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी। उनकी ओर से अधिवक्ताओं ने यह दलील दी कि गुजरात हाईकोर्ट ने भी उन्हें 3 सितम्बर तक अंतरिम जमानत प्रदान की है, इसलिए राजस्थान हाईकोर्ट में भी उसी आधार पर राहत दी जानी चाहिए।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता और राजकीय अधिवक्ता दीपक चौधरी ने अदालत में प्रस्तुत सिविल अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान में आसाराम की सेहत सामान्य है और उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं है। ऐसे में जमानत अवधि बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।
दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य की स्थिति संतोषजनक होने के कारण अंतरिम जमानत बढ़ाना उचित नहीं है। हालांकि अदालत ने यह स्वतंत्रता दी कि यदि भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या उत्पन्न होती है तो आसाराम चिकित्सकीय सुविधा लेने के साथ नए सिरे से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
अब अदालत के इस आदेश के बाद आसाराम को एक बार फिर जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा।
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