ब्यावरा। शहर का अस्पताल रोड इन दिनों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है। पुल पर रेलिंग तक नहीं है और आवारा पशु खड़े रहते हैं। वहीं सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे और पत्थरों से वाहन चालक और पैदल यात्री रोज हादसों के खतरे से गुजर रहे हैं।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि ब्यावरा से शासकीय अस्पताल जाने के लिए यही एकमात्र नजदीकी रास्ता है। इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को मजबूरी में इसी रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। सड़क की बदहाली और पुल पर सुरक्षा इंतज़ामों की कमी के कारण उनकी परेशानी दोगुनी हो जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गड्ढों को भरने के नाम पर इतने बड़े पत्थर डाल दिए गए हैं कि गाड़ियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं और कई लोगों के हाथ-पाँव टूट चुके हैं। कीड़े-मकोड़े और गंदगी का आलम अलग है।
नागरिकों ने कई बार एसडीएम और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, लेकिन हर बार सिर्फ यही जवाब मिला कि “टेंडर हो गया है, सड़क बनेगी।” सड़क कब बनेगी, इस पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया।
इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेत्री रचना भार्गव ने भी सामाजिक लोगों के बीच आवाज़ उठाई है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि अस्पताल रोड और पुल की तत्काल मरम्मत करवाई जाए, ताकि बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।
लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस मार्ग की सुध नहीं ली गई तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना होना तय है। सवाल यह है कि आखिर ब्यावरा जैसे महत्वपूर्ण शहर की इतनी दुर्दशा क्यों हो रही है और जिम्मेदार चुप क्यों बैठे हैं ?
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