क्रूरता और व्यभिचार के आरोपों पर खुलासा: गोविंदा की टीम ने बताया सच

 

फिल्मी जोड़ी ने अफवाहों को किया खारिज, साथ मनाएंगे गणेशोत्सव

क्रूरता और व्यभिचार के आरोपों पर खुलासा: गोविंदा की टीम ने बताया सच

बॉलीवुड की चमक-दमक वाली दुनिया में रिश्तों की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में दिग्गज अभिनेता गोविंदा और उनकी पत्नी सुनिता अहूजा के रिश्ते को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हुई। खबरें आईं कि दोनों अलग हो रहे हैं और सुनिता ने हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13 के तहत तलाक की अर्जी दायर की है। इन रिपोर्ट्स ने उनके प्रशंसकों और फिल्मी जगत में हलचल मचा दी। हालांकि, अब इन अटकलों पर खुद गोविंदा की टीम ने विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह सब “पुरानी बातें” हैं और दोनों अभी भी साथ हैं।


तलाक की अफवाहों का सच

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सुनिता ने दिसंबर 2024 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आरोप लगाए गए कि उन्होंने क्रूरता और व्यभिचार के आधार पर तलाक की याचिका डाली है। मगर, गोविंदा के मैनेजर शशि सिंह ने बयान जारी कर इसे सिरे से नकार दिया। उनके मुताबिक यह सब सिर्फ पुरानी खटपटों को फिर से उछालने की कोशिश है।

उन्होंने साफ कहा—“गोविंदा न तो किसी पर हाथ उठाते हैं और न ही चिल्लाते हैं। ऐसे में क्रूरता जैसे आरोप पूरी तरह निराधार हैं।” शशि सिंह ने आगे बताया कि यह जोड़ी अब भी अपने बच्चों टीना और यशवर्धन के भविष्य को लेकर गंभीर है और उनके साथ खड़ी है।


सुनिता का भावुक संदेश और प्यार की गहराई

इन अफवाहों के बीच सुनिता का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इसमें वे कहती नजर आईं—“मेरे जैसा गोविंदा को कोई नहीं प्यार कर सकता... पुराना गोविंदा, वापस आ जा तू यार।” इस छोटे से संदेश ने यह साबित कर दिया कि उनके दिल में अब भी गहरा लगाव है और तलाक जैसी कोई ठोस योजना नहीं है।

उनकी आवाज में भरा दर्द और प्यार ने उन खबरों को कमजोर कर दिया जिनमें उनके रिश्ते के टूटने की बातें हो रही थीं। यह बयान इस रिश्ते के प्रति उनकी भावनात्मक गहराई और समर्पण को उजागर करता है।


कोर्ट और काउंसलिंग की प्रक्रिया

हालांकि तलाक की याचिका की खबरों में कुछ सच्चाई जरूर है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि 5 दिसंबर 2024 को सुनिता ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी और मई 2025 में गोविंदा को समन प्राप्त हुआ। इसके बाद जून से दोनों कोर्ट द्वारा निर्धारित काउंसलिंग सेशंस में शामिल हो रहे हैं।

मगर यहां भी एक दिलचस्प पहलू यह है कि गोविंदा की सक्रिय भागीदारी पर सवाल उठ रहे हैं। कई बार वे काउंसलिंग में पूरी तरह शामिल नहीं हो पाए। इसके बावजूद, यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि दोनों ने कोर्ट की प्रक्रिया में भाग लेना स्वीकार किया, जो बताता है कि वे रिश्ते को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।


वायरल वीडियो और बढ़ती चर्चाएं

सोशल मीडिया पर सुनिता का एक पुराना वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने हंसते हुए कहा—“गोविंदा अच्छे पति नहीं हैं, लेकिन छोड़ तो नहीं सकते।” यह बयान शायद मजाक में कहा गया था, मगर अफवाहों के दौर में इसे तलाक से जोड़कर पेश किया जाने लगा।

करीबी सूत्रों का कहना है कि यह वीडियो केवल हल्के-फुल्के अंदाज में कहा गया था और इसे गंभीरता से लेना गलत है। लेकिन चूंकि यह वीडियो उसी समय सामने आया जब तलाक की खबरें फैलीं, इसलिए इसने अफवाहों की आग को और तेज कर दिया।


परिवार संग त्योहार की तैयारी

इन तमाम अटकलों के बीच गोविंदा और सुनिता ने एक बड़ा फैसला लिया है—वे साथ मिलकर गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाएंगे। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि यह कदम उनके रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है।

फिल्मी जगत में जब भी कोई सेलिब्रिटी कपल किसी त्योहार को एक साथ मनाने की घोषणा करता है, तो यह उनके रिश्ते की मजबूती और पारिवारिक बंधन का प्रमाण होता है। यही वजह है कि गोविंदा और सुनिता का यह निर्णय उनके प्रशंसकों के लिए बेहद खुशी की खबर है।


बॉलीवुड कपल्स और रिश्तों पर मीडिया का दबाव

यह पहली बार नहीं है जब किसी बॉलीवुड जोड़ी के रिश्ते को लेकर अफवाहें उड़ी हों। अतीत में भी कई दिग्गज कलाकारों को अपने निजी जीवन को लेकर चर्चा का केंद्र बनना पड़ा है। सोशल मीडिया और न्यूज पोर्टल्स पर “क्लिकबेट” सुर्खियों ने कई बार सच्चाई को धुंधला कर दिया है।

गोविंदा और सुनिता का मामला भी इसी का हिस्सा है। मीडिया की नजर में हर छोटी बात बड़ी खबर बन जाती है। हालांकि सच्चाई यह है कि हर दंपति की तरह उनके बीच भी मतभेद होते हैं, मगर इसे सीधे तलाक से जोड़ना अनुचित है।



गोविंदा और सुनिता अहूजा के रिश्ते को लेकर उठे विवाद और अफवाहों ने उनके प्रशंसकों को जरूर चिंतित किया, लेकिन वास्तविकता यह है कि दोनों अब भी साथ हैं। तलाक की अर्जी और कोर्ट की काउंसलिंग जैसी प्रक्रियाएं जरूर हुईं, मगर इन सबके बीच उनका भावुक जुड़ाव और परिवार के प्रति जिम्मेदारी मजबूत है।

आखिरकार, उनका साथ में गणेशोत्सव मनाने का निर्णय एक बड़ा संदेश है—कि वे अब भी एक-दूसरे के साथ खड़े हैं और अपने रिश्ते को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।

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